जीवनसाथी

ALK
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    तुमसे रुठ भी जाऊं तो प्रिय ,
    नजदीकियों का इंतज़ार होता है ।

    हमारे दरमियाँ तैरती खामोशियों पर ,
    "सुनो तो" का असर हर बार होता है ।

    शिकवे शिकायतें लगे रहेंगे हमेशा मगर
    तुम्हारा मुस्कुरा देना भी मनुहार होता है ।

    ये संग महज आसां राहों का नही ,
  तुम्हारे दुःखो पर भी मेरा अधिकार होता है ।

     नाराज़गी की गिरह जब जब खुले  ,
   नयी शुरुवात जैसे कोई त्यौहार होता है ।

  मेरे व्रत ,पूजन, धागे सब तुम्हारी खातिर,
    चाँद से सजदा मेरा यही हर बार होता है ।

     ये कैसा रिश्ता सात फेरो में बंधा ,
 शिकायत जिनसे उन्ही से गहरा प्यार होता है।

(करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं)

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