आज दिल बेशुमार बोलेगा

ALK
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आज दिल का करार बोलेगा ।
इश्क का फिर गुबार बोलेगा।।

रात अपनी अभी गुजर जाए ।
तो उजाला सुबह यार बोलेगा ।।

क्या मुकद्दर में था लिखा अपने।
खिलखिला कर कटार बोलेगा ।।

छोड़कर वो चला गया मुझको ।
हम समझते रहे प्यार बोलेगा ।।

वो हमारे बने तो हमसाया ।
दिल मेरा बेकरार बोलेगा ।।

दर्द तो शोर ही मचाएगा।
आज दिल बेशुमार बोलेगा

आदमी की सदा रही फितरत। 
आदमी बात चार बोलेगा।।

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