जिंदगी मेरी हरदम अधूरी रही
आस मेरी कभी भी न पूरी रही
बस वही चीज मुझको नही मिल सकी
मेरी खातिर जो सबसे जरूरी रही
चॉद मेरे ही हिस्से मे आया नही
यू तो हर शाम सबकी संदूरी रही
मैने दिल आत्मॉ से था चाहा जिसे
उसके दिल मे तो बस खानापूरी रही
वो तो मगरूर था मै था बेबस सनम
इसलिए दोनो की ही मजबूरी रही
फिर भी बेचैन था सेज फूलो पे वो
मुझको कॉटो मे भी तो सबूरी रही
राज किस्मत से लडकर के जीता नही
इसलिए उनसे बस मेरी दूरी रही
Post a Comment
0Comments
Thanks for your valuable message.
Feel free to get in touch with me on WhatsApp/Viber number: +9779844128670