दिल तुम्हारे लिए दर्द सहने लगा,
हाँ मगर आँख से ख़ून बहने लगा।
हद से ज़्यादा तेरी याद आयी तो मैं,
गीत गाने लगा ग़ज़लें कहने लगा।
बोलने के लिए ही जो मशहूर था,
आजकल वो भी चुपचाप रहने लगा।
और तो कुछ भी आता नहीं मुझको, मैं,
तेरी ही बात को दिल से कहने लगा।
दरियाओं से मुझे डर नहीं लगता, मैं,
अब तो समन्दर में बहने लगा।
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